शालमली ब्राह्मण की कथा (Hindi Motivation Story)

जम्बू गिरी के निकट एक बस्ती में शालमली नाम का एक ब्राह्मण रहते थे ! जो की अगस्त गोत्र के थे ! शालमली की आयु पूरी हो गई थी ! यमराज जी दूत उनको मरने के लिए मुकदर , त्रिसूल , और अनेक प्रकार के हथियारों के साथ अपने सवारी पर बैठ कर आते है ! और उसी गोत्र के उसी नाम के दूसरे ब्राह्मण को मार के उसकी आत्मा को यम लोक लेकर चले जाते है !शाल्मली ब्राह्मण यम लोक में जाते समय देखता है ! की छियासी हजार योजन ( एक योजन बराबर छियासी कोष एक कोस बराबर 4 किलोमीटर ) अर्थात 86000 *4 =344000 किलोमीटर चलते है ! जिसमे वह 8 दरवाजे देखते है ! प्रथम दरवाजे दो हजार योजन का होता है जिसमे शेर, चिता , बाघ तथा अनेक प्रकार के जानवर होते है ! अगर इस रास्ते से कोई संत व्यक्ति जाता है तो उसको वह किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं होती है
लेकिन अगर कोई पापी इंसान इस रास्ते से जाता है तो जानवर उस इंसान को मार डालेंगे ! दूसरे दरवाजे में 5 हजार योजन का होता है ! जिसमे जिसमे लोहे के सामान कांटे होते है ! उस रस्ते में अगर उस रस्ते से पापी इंसार गुजरेगा तो उस रस्ते में कांटे ही चुभेंगे लेकिन कोई सज्जन इंसान जायेगा तो उसको कुछ नहीं होगा ! इस 18 तरह हर के नरको को बतया गया है ! जिसमे पापी इंसान को ही भोगना पड़ेगा ये नर्क के रास्ते यमपुरी के निकट एक वेतरफी नदी है ! जिसमे
मज्जा और खून से भरी

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