चालक महाजन और मेहनती चित्रकार – एक बार एक महाजन को अपना चित्र बनवाने का सोख़ लगा ! उसने एक चित्रकार को बुलवाकर अपना चित्र बनाने के लिए कहा ! महाजन के अनुसार चित्रकार ने महाजन का चित्र बनाने में बहुत मेहनत की लेकिन महाजन बहुत कपटी व्यक्ति था ! वह चित्रकार को बोला, “ये चित्र ठीक से नहीं बना इसे दुबारा बनाओ ! चालक महाजन और मेहनती चित्रकार (Hindi Motivation Story )
ऐसा करते -करते महाजन ने बहुत सारे चित्र को बनवाके गलत बता दिया ! अब चित्रकार समझ चुका था की महाजन चेहरा बढ़ने में माहिर है ! और हर बार चित्र बनवाते समय अपना चेहरा बदल लेता है ! इसलिए उसने महाजन से अब तक की बनाई गई तस्वीरों की मेहनताना की कीमत माँगा
कपटी महाजन बोला, “कैसा मेहनताना ? तुमने अब तक एक भी चित्र सही से नहीं बनाया है! जब तुम सही से तस्वीर बना दोगे तो तुम्हारा मेहनताना तुम्हे मिल जायेगा”!
महाजन की बात सुनकर चित्रकार नाराज हो कर घर लौट गया ! और अपनी पत्नी को महाजन की सारी करतूत के बारे में बतया ! अपने पति को निराश देख कर उसने चित्रकार को बादशाह अकबर के दरबार में न्याय की गुहार लगाने की सलाह दी !
पत्नी की बात चित्रकार के समझ में आ गई ! और अगले दिन ही चित्रकार ने सारा हाल बादशाह के दरबार में जा सुनाया ! बादशाह ने चित्रकार के सारे चित्र मंगवाए और साथ में महाजन को महल में बुलवाया !
सभी चित्रों को ध्यान से देखने के बाद बादशाह अकबर ने महाजन से पूछा, “इन सभी चित्रों में कुछ कमी है क्या ?
महाजन ने कहा, “जी हुजूर इनमे से कोई भी चित्र हूबहू मेरे चेहरे से जैसा नहीं है !
महाजन की बात सुनकर अकबर सोच में पड़ गए ! और बीरबल से मसला सुलझाने को कहा बीरबल पहले ही दरबार में उपस्थित था ! और सारे बाते अच्छे से समझ चुका था ! कि महाजन चेहरे बदले में माहिर है ! इसलिए चित्रकार को परेशान कर रहा है ! चालक महाजन और मेहनती चित्रकार (Hindi Motivation Story )
थोड़ी देर सभी चित्रों की और देखने के बाद बीरबल ने भी हर एक चित्र में कमिया निकालनी शुरू कर दी ! और चित्राकर को दो दिन बाद महाजन का सुन्दर सा चित्र बना के लाने के लिए कहा और महाजन को आदेश देते हुए कहा ,”अगर तुम्हे चित्र पसंद आ जाये तो तुम चित्रकार को उसकी सारी मेहनताना देना होगा !
इतना कहकर बीरबल ने दोनों को बहार भेज दिया कुछ देर बाद चित्रकार को वापस बुलाया गया ! और उससे दो दिन बाद बड़ा सा दर्पण लाने को कहा ! चालक महाजन और मेहनती चित्रकार (Hindi Motivation Story )
दो दिन बाद जब दोनों दरबार में उपस्थित हुए तो चित्रकार ने दर्पण महाजन के सामने रख दिया ! और बोला ,”जनाब ये चित्र तो एकदम सही है ना“!
महाजन बोला, “लेकिन ये चित्र नहीं दर्पण है ,” जनाब
“यही तो असली चित्र है, चित्रकार ने कहा !
फिर बीरबल ने भी अपने स्थान से उठकर कहा ,”सही तो कह रहा है चित्रकार यह तुम्हारा ही तो चित्र है” !
महाजन समझ गया की अब उसकी दाल नहीं गलेगी ! इसलिए उसने ना चाहते हुए भी बीरबल की हाँ में हाँ मिलते हुए चित्रकार को उसका सारा मेहनताना दे दिया चित्रकार ने ख़ुशी -ख़ुशी में बीरबल का सुक्रिया अदा किया और महल से घर की और निकल गया ! चालक महाजन और मेहनती चित्रकार (Hindi Motivation Story )