स्लीपिंग ब्यूटी की कहानी (Hindi Motivation Story ) -: एक बार की बात है। किसी बड़े राज्य में एक राजा अपनी रानी के साथ रहता था। उसके राज्य में प्रजा बहुत खुश रहती थी। राजा अपनी प्रजा का ख्याल अच्छे से रखता था। इसलिए राजा की प्रजा राजा और रानी को दुआए दिया करते थे ।
सब कुछ होने के बाद उन दोनों को बस इस बात का दुःख था की उन दोनों की कोई संतान नही थी। रानी रोज सुबह सूरज देवता की पूजा किया करती थी उसे पूरा विश्वाश था की सूरज देवता की कृपा से उसे जरूर संतान की प्राप्ति होगी।
एक दिन राजा और रानी बगीचे में घूम रहे थे। बगीचे में एक तालाब था दोनों तालाब के किनारे बैठ के प्रकृति का आनन्द ले रहे थे। तभी वहा एक मेढक आया और उसने बोला की रानी आपको जल्द ही सूरज देव की कृपा से एक पुत्री के प्राप्ति होगी।
मेढक ने जो कहा था वह सुच हुआ। उसी साल रानी को सूरज देवता की कृपा एक सुन्दर सी बेटी हुई। रानी को सूरज की कृपा से हुई बेटी इसलिए रानी ने और राजा ने उसका नाम सनशाइन रखा गया।
राजा ने बेटी के पैदा होने पर उत्सव रखा जिसमे सभी को बुलाया लेकिन, गलती से काली परी को बुलाना भूल गया
जब सभी लोग राजकुमारी को आशीर्वाद दे रहे थे। तभी वहा काली परी आई और गुस्से में उसने राजा को श्राप दिया की राजा जब तुम्हारी बेटी 15 वर्ष की हो जाएगी । तब एक चरखे की किल चुबने के कारण उसकी मौत हो जाएगी इतना कह कर वह गायब हो गई
राजा और रानी बहुत दुखी हुए। उनको दुखी देखकर सफ़ेद परी वहा आई और दोनों को समझाते हुए कहा आप दोनों चिंता मत करे। में इस श्राप को काट तो नहीं सकती हूँ लेकिन कम कर सकती हूँ। सफ़ेद परी ने कहा की कील छुपने से यह 100 साल के लिए सो जाएगी। साथ ही पूरी प्रजा और आप भी सो जाओगे, लेकिन कोई सुन्दर राजकुमार इसे चूमेंगे तो इसके साथ -साथ आप सभी भी जाग जाओगे। इतना बोलकर परी गयाब हो गई।
धीरे -धीरे समय बीतने लगा। और राजकुमारी भी बड़ी होने लगी। और वो समय भी आ गया जब राजकुमारी 15 वर्ष की होने वाली थी तभी राजा और रानी को किसी काम से बाहर जाना पड़ा वह एक दासी के भरोसे राजकुमारी को छोड़ के चले गए।
जिस दिन रानी का जन्म दिन था उस दिन राजकुमारी खेलते खेलते तहखाने में पहुंच गई। वहा एक पुराना चखना रखा था। राजकुमारी ने जैसे उसे हाथ लगया उसमे लगी कील उसे चुभ गई और राजकुमारी वही गिर पड़ी।
सेवको ने उसे बहुत ढूंढा और वह तहखाने में सोती हुई मिली। उन्होंने जैसे ही बिस्तर पर लेटाया वैसे ही एक -एक कर के सब सोने लगे।
कई वर्ष बीत गए और महल के चारो और से कटीले झाडिया उग गई। महल के और जाने का रास्ता बहुत कठिन हो गया था। उस महल में कई राजकुमारों ने पहुंचने की कोशिश की लेकिन महल तक नहीं पहुंच पाए क्योकि काली परी के कई वर्ष बीत गए और महल के चारो और से कटीले झाडिया उग गई। महल के और जाने का रास्ता बहुत कठिन हो गया था। उस महल में कई राजकुमारों ने पहुंचने की कोशिश की लेकिन महल तक नहीं पहुंच पाए क्योकि काली परी के श्राप कारण सभी राजकुमार रास्ते में ही सो जाते थे।
एक दिन उस महल की कहानी सुन कर एक सुन्दर राजकुमार उस महल की और चल पड़े । जोकि कई राज्यों पर विजय पा चुके थे। सभी ने राजकुमार को वह जाने से रोका और कहा वहा जो भी गया है। वह कभी लौट कर नहीं आया। लेकिन राजकुमार ने किसी की बात नहीं मानी
और महल के पास चला गया जैसे ही जैसे ही राजकुमार महल के पास पहुंचा झाड़िया अपने आप, दूर होती गई। और वह सीधे राजकुमारी के कमरे में चला गया। मार्ग में उसे सभी सोते हुए मिले।
राजकुमारी को देखकर मानो वह राजकुमार उसकी सुंदरता में खो गया। उसने खुद को संभालते हुए जैसे तैसे राजकुमारी को चूमा , वैसे ही काली पारी का श्राप कट गया। और उसके साथ सभी नींद से जग गए। सभी राजकुमारी को देखकर बहुत खुश हुए। और राजकुमारी और राजकुमार की शादी करवा दी
सीख – दुसरो का अच्छा चाहने वालो के साथ कभी बुरा नहीं होता है।