विक्रम बेताल की कहानी -2 (Hindi Motivation Story)

विक्रम बेताल की कहानी -2 (Hindi Motivation Story)2 -:सालो पहले यमुना के किनारे धर्मस्थाल नाम का एक नगर था। वहा एक ब्राह्मण रहता था इसका नाम गणपति था परिवार रहता था उसकी एक सुन्दर और गुणवान लड़की थी। जैसे ही वो लड़की बड़ी होने लगी उसका पूरा परिवार उसके विवाह के लिए गुणवान लड़का देखने लग गया। एक दिन ब्राह्मण किसी के घर पूजा करने गया और ब्राह्मण का बेटा भी पड़ने के लिए बाहर चला गया । घर में अब उसकी बेटी और पत्नी ही थी। उसी वक्त एक ब्राह्मण लड़का उनके घर आता है। ब्राह्मण की पत्नी उस ब्राह्मण लड़के का अच्छे से आदर सत्कार करती है और भोजन कराती है। लड़के का सवभान ब्राह्मण की पत्नी को पसंद आता है। और वह उस लड़के से अपनी बेटी की शादी का वादा कर देती है।

उधर ब्राह्मण गणपति जिनके घर पूजा करने गया था। वहां एक लड़के का सवभाव पसंद आ जाता है। और वह भी अपनी बेटी की शादी का वादा कर देता है

उसके बाद गणपति और उसका बेटा खुद से चुने लड़के को लेकर घर पहुंचते है। दोनों घर में एक और ब्राह्मण लड़के को देखर हैरान हो जाते है। की लड़की एक है और लड़के तीन है। वह अपनी बेटी का विवाह किससे करेंगे। इसी दुविधा के बिच में ब्राह्मण का एक पडोसी आता है। और कहता है आपकी बेटी को साप ने काट लिए है। पूरा परिवार भगा – भगा जाता है। और तीनो ब्राह्मण लड़की के पास पहुंचते है। इसी बिच लड़की की मत्र्यु हो जाती है। तीनो लड़के बहुत दुखी हो जाते है। फिर लड़की का परिवार और तीनो लड़के लड़की का अंतिम संस्कार करते है।

एक ब्राह्मण लड़का उसकी अस्थिया जंगल चला जाता है। विक्रम बेताल की कहानी -2 (Hindi Motivation Story)
दूसरा उसकी राख को एक पोटली में बांध कर उसी शमसान में एक झोपडी बना के रहने लगता है।
तीसरा लड़का लड़की की याद में योगी बन कर देश -२ घूमता है।

ऐसा होते होते कई साल गुजर गए। एक दिन योगी बन के गया लड़का एक तांत्रिक के घर पहुँचता है। योगी को देखर कर तांत्रिक बहुत खश हुआ। और ब्राह्मण का आदर सत्कार किया। तांत्रिक ने योगी से कुछ दिन अपने घर में रहने को कहा। तांत्रिक की जींद देख कर ब्राह्मण उनके घर रुक जाता है। एक दिन तांत्रिक अपनी विद्या में बहुत लीन था तांत्रिक की पत्नी सभी के लिए भोजन बना रही थ। उसी वक्त तांत्रिक का बेटा बहुत रोने लगा तांत्रिक की पत्नी ने बच्चे को संभालें की बहुत कोशिश की लेकिन वह नहीं माना अंत में तांत्रिक की पत्नी को बहुत गुस्सा आया। तो उसने उसकी बहुत पिटाई की और तब भी बच्चा नहीं माना तो उसकी पत्नी ने बच्चे को चूल्हे में डाल दिया।

आप इस तरह बिना कुछ खाये यहाँ से न जाये। योगी ने उतर दिया में इस घर में 1 मिनट भी नहीं रह सकता। जहा ऐसे राक्षशी रहती हो में वह कैसे रह सकता हूँ। इतने में तांत्रिक चूल्हे के पास जाता है। और एक किताब निकल के मंत्र पड़ता है। अपने बेटे को जिन्दा कर देता है।

योगी ये सब देख कर हैरान रह जाता है। और उस किताब को हासिल करने को सोचता है। वह सोचता है अगर ये किताब मुझे मिल गई तो में भी अपनी पत्नी को जीवित कर सकता हूँ। तांत्रिक “बेटे” को जीवित करने के बाद योगी से भोजन करने का आग्रह करता है। योगी खाना कटा है और वही रुक जाता है। योगी अब सोच में थे की में इस किताब को कैसे हासिल करू। सोचते -सोचते आधी रात हो जाती है। और सभी सो जाते है। विक्रम बेताल की कहानी -2 (Hindi Motivation Story)

वह उसी जगह झोपडी बना कर रह रहे ब्राह्मण को सारी बात बताता है। दोनों मिलकर फ़क़ीर बनाए ब्राह्मण को ढूंढ़ते है। फ़क़ीर ब्राह्मण के मिलते ही योगी ब्राह्मण दोनों से कहता है। हड्डी और राख लेकर आओ में फिर से उसे जिन्दा करूँगा। दोनों ऐसा ही करते है। तीनो ब्राह्मण हड्डी और राख ले कर जलाई हुई जगह पर जाते है और उस किताब से मंत्र पड़ते है। ऐसा करते ही लड़की फिर से जीवित हो जाती है। ये देख तीनो ब्राह्मण खुश हो जाते है।

कहानी समाप्त

इतनी कहानी सुनाकर बेताल चुप हो जाता है। कुछ देर बाद बेताल राजा से बोलता है। की बताओ वह लड़की किसकी पत्नी हुई। विक्रम आदित्य बेताल के दुबारा उड़ने के डर की वजह से जबाब नहीं देते। तभी बेताल कहता है। देखो आकर तुम्हे जबाब पता होते हुए भी अगर तुम जबाब नहीं दोगे तो में तुम्हारा सिर काट दूंगा।

इतना सुनते ही राजा बोलते है। जो ब्राह्मण उस शमसान में कुटिया बना कर रह रहा था वह उसकी पत्नी हुई। बेताल पूछता है कैसे। जो हड्डी चुनकर फ़क़ीर बना वह उसका बेटा हुआ। और जिसने उसे तांत्रिक विद्या से उसे जीवित किया वह उसके पिता के सामान है। और जो उसके राख से साथ रहा वह उसका पति हुआ। बेताल कहता है। राजन तुमने सही उत्तर दिया। लेकिन सर्त के मुताबित तुम्हे मुँह भी खोलन था। इसलिए में उड़ रहा हूँ

 

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